आई.पी.एस. दीपका में हषोल्लास के साथ मनाया गया बसंत पंचमी का त्योहार
माँ सरस्वती ज्ञान की देवी है एवं प्रत्येक विद्यालय के कण-कण में उनका निवास है -- डॉ. संजय गुप्ता
बसंत पंचमी हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है यह त्यौहार हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है । ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन ही ब्रम्हाण्ड की रचना हुई तथा समस्त जीवों और मानव का प्रादुर्भाव हुआ था । इस दिन को देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव भी माना गया है, इसलिए देवी सरस्वती की पूजा का विधान भी इसी दिन है इस दिन बसंत का भी आगमन होता है इसलिए इस दिन को ‘श्री पंचमी‘ व ‘सरस्वती पंचमी‘ भी कहते हैं इस दिन लोग अपने घर, स्कूल व दफ्तरों को पीले फूल व रंगोली से सजाते हैं । मां सरस्वती को बुध्दि, ज्ञान और कला की देवी माना जाता है । इसलिए इस दिन गुरू के समक्ष बैठकर उनसे शिक्षा ग्रहण करने का शुभारंभ करते हैं । पुस्तक, वाद्य यंत्रों को देवी के समक्ष रखकर पूजा की जाती है ।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में बसंत पंचमी का त्यौहार अत्यंत हर्ष्षोल्लास के साथ मनाया गया । कक्षा नर्सरी एल.के.जी. एवं यू.के.जी. के बच्चों ने पीला वस्त्र धारण कर संपूर्ण विद्यालय की शोभा में चार चाँद लगा दिया था । बच्चों के साथ ही शिक्षिकाओं ने भी मां शारदा को श्रध्दा सुमन अर्पण करने एवं ऋतुराज बसंत का स्वागत करने हेतु पीला वस्त्र धारण किया हुआ था । मां शारदा की भक्ति में पूरा इंडस पब्लिक स्कूल परिसर रंग गया था ।
सर्वप्रथम विद्यालय के संस्कृत अध्यापक डॉ योगेश शुक्ला ने मंत्र मंत्रोच्चारण पूजन की शुरुआत की।बच्चों ने मां सरस्वती की वंदना की एवं पंक्तिबध्द होकर मां सरस्वती के तैल्य चित्र में पुष्प अर्पण किया । विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता जी ने माल्यार्पण कर मां के श्री चरणों में श्रीफल, पुष्प अर्पित किया एवं तिलक लगाकर संपूर्ण विधि विधान से आरती की । शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बारी-बारी से आरती कर पूजन किया तत्पश्चात प्रसाद वितरण किया गया ।पूजन कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता के साथ ही विद्यालय के शैक्षणिक प्रभारी श्री सब्यसाची सरकार सर एवं शैक्षणिक प्रभारी व श्रीमती सोमा सरकार ने भी शिरकत की एवं मान सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त किया। पूजन कार्यक्रम एवं पूरी व्यवस्था में श्रीमती सोमा सरकार (शैक्षणिक प्रभारी-प्राइमरी एवं प्री प्राइमरी) के साथ ही प्री प्राइमरी के शिक्षिकाओं का विशेष सहयोग रहा।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि विद्यालय के प्रत्येक विद्यार्थियों को सतत रूप से धर्म एवं संस्कृति से जोड़े रखना हमारा उद्देश्य है क्योंकि हमारे देश की धर्म और संस्कृति ही हमें विश्व के अन्य देशों से भिन्न करती है यही हमारी पहचान है । संस्कारों के बीच बच्चों में बचपन से ही बोए जाते हैं, यहीं उम्र एक सही दशा और दिशा देने का होता है । विद्यालय के कण-कण में मां सरस्वती का निवास होता है क्योंकि विद्यालय ज्ञान का मंदिर है ।